Friday, November 11, 2011

जिंदगी की गली 

जिंदगी एक गली जैसी है. सुबह गली में जब
लोग आतें हैं, मंडी लगती हैं तो इनता भीर रहता है.
ओव्ही गली रात तो कितना शुना लगता है.
जिंदगी में भी कभी कभी भीर में अपनेको धुन्दना मुश्किल
पड़ता है !
और खबी खबी ओव्ही जिंदगी रात के जैसे सन्नाटे से छाये
जाती है. 










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