Wednesday, November 9, 2011

टूटी पतंग 

छोटूसा था वो ! दिलभी थोडा छोटा; नहीं उसकी कोई गलती नहीं है.
पतंग उदानेका बहुत शौख  था उसको नाह!
१५ पैसे की पतंग बोह्भी टुटा हुआ, वैसे २५ पैसे! 
ओह अपना मन बनालेता चलो टूटी पतंग कोही जोर के उड़ायेंगे! 
इसलिए वो  अपनी तिफ्फिन का इसक्रेमभी छोड़ देता. 
घर आके  कैसेभी करके वो  पतंग  जोड़ता, पूंछ लगता,
फिर उडाता. खुस हो जाता था वो. 

आज  इतने साल बाद उसको पतंग जोरने का गाम  नहीं मिलरहा  है! 







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